भाषा पर्याप्ति काल!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा पर्याप्ति काल – Bhasha Paryaptikala. Period of vocal completion. भाषा पर्याप्ति पूर्ण होने पर जितने समय तक मन पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक भाषा पर्याप्ति काल कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा पर्याप्ति काल – Bhasha Paryaptikala. Period of vocal completion. भाषा पर्याप्ति पूर्ण होने पर जितने समय तक मन पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक भाषा पर्याप्ति काल कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा पर्याप्ति – Bhasha Paryapti. Power of vocal or verbal completion (caused by some karmic nature). स्वर नामकर्म के उदय से भाषा वर्गणा रूप पुद्ग्ल स्कन्धों को सत्य, असत्य, उभय, अनुभय भाषारूप परिणमावने की शक्ति की निष्पति होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा परिच्छेद – Bhasha Pariccheda. Name of a book written by Vishvanath. विश्वनाथ कृत वैशेषिक दर्शन का एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा द्रव्य वर्गंणा – Bhasha Dravya Vargana. One of the aggregates of karmic molecules; causing formation of speech. १३ पुद्ग्ल स्कंध वर्गंणाओं में एक; इसी से वचन बनते हैं, एक-एक वर्गणा में अनंत परमाणु होते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावेंद्रिय – Bhavendriya. See – Bhava Imdriya. देखें – भाव इंद्रिय “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावि भूत उपचार – Bhavi Bhuta Upachar. Wrong implication of something in past time which is going to occure in future. भविष्य में होने वाले कार्य का भूत में आरोप करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावि नोआगम द्रव्य – Bhavi Noagama Dravya. One having knowledge of his predestined body form. जो आत्मा भविष्यत् में आने वाली पर्यायों के अभिमुख है, उन पर्यायों से आक्रान्त हो रही वह आत्मा भाविनोआगम द्रव्य है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावि नैगमनय – Bhavi Naigamanaya. Wrong implication of something in present which is going to occure in future. एक नय; जो पदार्थ अभी अनिष्पन्न है,और भावि काल में निष्पन्न होने वाला है, उसे निष्पन्नवत कहना-अर्थात् जो बात आगे होगी उसको वर्तमान में कहना, जैसे अर्हत को सिध्द कहना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविता – Bhavita. Name of a Ganini Aryika in the assembly of Lord Kunthunath. कुन्थुनाथ भगवान के समवशरण की मुख्य आर्यिका (गणिनी) का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाविज्ञायिक शरीर – Bhavigyayika. One who is going to be learned one in future. नोआगम द्रव्य कर्म के ३ भेदों में एक; कर्म स्वरूप को जानने वाला शरीर जिसको आगमिकाल में धारण करेगा “