भावस्वाध्याय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्वाध्याय – Bhavasvadhyaya. Rethinking of spiritual contents. स्वाध्याय के द्वारा शुध्द आत्मा को अनुभव में लाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्वाध्याय – Bhavasvadhyaya. Rethinking of spiritual contents. स्वाध्याय के द्वारा शुध्द आत्मा को अनुभव में लाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्पर्श – Bhava Sparsa. Sensible touch for any knowledgeable matter. निक्षेप रूप एक भेद; जो स्पर्श प्राभृत का ज्ञाता उसमें उपयुक्त है वह सब भाव स्पर्श है \
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्थिति – Bhava Sthiti. Constant nature. जिसका जो स्वभाव है उससे च्युत न होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्त्री – Bhava Stri. Psychical female one. स्त्री वेद के उदय से पुरुष की अभिलाषा रूप मैथुन संज्ञा का धारक जीव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्तवन – Bhavastavana. Eulogical praising of Lord Jinendra. जिनेन्द्र भगवान के गुणों का स्मरण करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावसेन त्रैविध – Bhavasena Traividya. Name of a famous Acharya, who wrote number of books. मूलसंघ सेनगण के नैयायिक विद्वान आचार्य (ई.श. १३ का मध्य) सिध्दान्तसार, प्रमाप्रमेय, कातंत्र रूपमाला आदि अनेक ग्रंथ रचे “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावसूत्र – Bhavasutra. Ideal formula (of right faith,right knowledge & right conduct) for right path. सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र इन तीन गुणों से निर्मित्त उपासक का वैचारिक सूत्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सामायिक – Bhava Samayika. Equanimity in pain & pleasure. सुख – दुःख में साम्यभाव धारण कर मैत्रीभाव के साथ सम्पूर्ण सावध से निर्वत्त ह्नुं, इन भावों के साथ सामायिक करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सल्लेखना – Bhava Sallekhana. Auspicious and holy death with destruction of passions. राग, द्वेष और मोह से रहित होकर मृत्यु को प्राप्त करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सम्यग्द्रष्टि – Bhava Samyagdrsti. One possessing right knowledge or perception. भेद ज्ञान पूर्वक परद्रव्य, परभाव, परपर्याय से भिन्न आत्मा का अनुभव करने वाला “