श्री युगमंधर तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति
“…श्री युगमंधर तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति…” —गीता छंद— मेरू सुदर्शन पूर्व क्षेत्र विदेह में दक्षिण दिशी। विजया नगरि दृढ़रथ पिता माता सुतारा ने निशी।। शुभ स्वप्न सोलह देखकर हर्षितमना पतिदेव से। फल पूछतीं प्रभु गर्भकल्याणक नमूँ अति भक्ति से।।१।। श्री आदि देवी मात की सेवा करें अति भक्ति से। अति गूढ़ करतीं प्रश्न वे उत्तर दिया…