बाह्य प्रत्यय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्रत्यय – Bahya Pratyaya. External causes for passions. क्रोधादि रूप भाव कषाय कि उत्पति के कारण भूत जो जीव और अजीव रूप बाह्य द्रव्य है वह बाह्य प्रत्यय हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्रत्यय – Bahya Pratyaya. External causes for passions. क्रोधादि रूप भाव कषाय कि उत्पति के कारण भूत जो जीव और अजीव रूप बाह्य द्रव्य है वह बाह्य प्रत्यय हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य पारिषद – Bahaya Parisada. A type of deities in the council of Indris’. देवो का एक प्रकार; जो अत्यंत स्थूल, निष्ठुर, क्रोधी और शस्त्रों से सहित रहते हैं ” वे इंद्र कि सभा में अयोग्य लोगो को ‘दूर हटो ‘ इस तरह बोलकर अपना दायित्व निभाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वहण – Nirvahana. Acquiring right fait and other virtues with calmness (free from anxiety). सम्यग्दर्शन आदि गुणों को निराकुलतासे धारण करना परीषहादिक आने पर व्याकुल चित्त न होकर सम्यग्दर्शन आदि रत्नत्रय में तत्पर रहना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य परिग्रह – Bahya Parigraha. External material. क्षेत्र, वास्तु , धन , धान्य आदि समस्त बाह्य परिग्रह हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरर्वर्त्यकर्म – Nirvartyakarma. New research by a performer, to produce something new. कर्ता के द्वारा जो पहिलें न हो ऐसा नवीन कुछ उत्पन्न किया जाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य नास्तिक्य – Bahaya Nastikya. Those who believe in the philosophy of atheism. नास्तिक्य का एक भेद; द्रष्ट, घट आदि ही सत है इनसे अतिरिक्त जीव , अजीवादी तत्त्व कुछ नहीं है ऐसी एकांत मान्यता मानने वाले “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य धर्मध्यान – Bahya Dharmadhyana. Religious observances. धर्मध्यान का एक लक्षण; आत्मा को शील , व्रत , उपवास आदि बाह्य क्रियाओं से युक्त करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वर्तना – Nirvartana. Accomplishment. निष्पादन या रचना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य द्रव्यमल – Bahya Dravyamala. Excreting materials of the body. स्वेद , मल , रेणु , कर्दम इत्यादि बाह्य द्रव्यम्ल कहलाते है “