सुमेरु वंदना
सुमेरु वंदना…… यह मेरु सुदर्शन त्रिभुवन में, सबसे ऊंचा कहलाता है। योजन इक लाख कहा ऊंचा , इक सहस नींव में जाता है।। चालिस योजन चूलिका कही, वैडूर्यमणीमय प्यारी है। यह भू पर चौड़ा दश हजार, इसकी छवि जग से न्यारी है।।१।। पृथ्वी पर भद्रशाल वन है, नंदनवन पांच शतक ऊपर। इससे साढ़े बासठ हजार,…