तैजस संघात नामकर्म!
तैजस संघात नामकर्म Karmic nature causing luminous body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाएं परस्पर छेद रहित एकमेक हो जाएं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस संघात नामकर्म Karmic nature causing luminous body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाएं परस्पर छेद रहित एकमेक हो जाएं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस शरीर बंध A kind of bond of lustrous molecules (reg. body). 5 प्रकार के बंधन नामकर्म के भेदों में एक भेद, गृहीत तैजस पुद्गल स्ंकधों का परस्पर मिल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस शरीर नामकर्म प्रकृति A type of Karmic nature causing lustre in body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाओं का आकर्षण तैजस शरीर बनने के लिए हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस शरीर Luminous body. 5 प्रकार के शरीरों में एक स्थूल शरीर में दीप्ति या तेज में कारणभूत जो सूक्षम शरीर होता है उसे तैजस शरीर कहते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस द्रव्य वर्गणा A type of aggregates of karmic molecules producing lustre in body. 23 वर्गणाओं में एक वर्गणा, जो शरीर को कांति देती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तेला व्रत Three days vow (fasting). एक दिन एकाशन के बाद तीन दिन का उपवास करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तेरहविध क्रिया स्थान Particular 13 reverential duties (6 essentials, bowings to Panch-Parmeshthi, Asahi, Nisahi). छह आवश्यक पंच परमेष्ठी नमस्कार, असही और निसही ये तेरह क्रियाएं है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तेरहपंथ A division of Jain (Digambar) religious comm-unity. दिगम्बर जैन सम्प्रदाय का एक विभाग । वर्तमान में दिगम्बर परम्परा में बीसपंथ और तेरहपंथ दो परम्पराएँ प्रचलित है। इनमें से बीसपंथ आगम सममत क्रियाओं को मानने वाला प्राचीन पंथ है एंव तेरहपंथ अनुमानित 400 वर्ष पूर्व कतिपय विद्वानों द्वारा स्थापित किया गया एक नया पंथ है।…
तेररह Thirteen (13 types of faults and 13 types of conducts in Jainalogy). त्रयोदश पांच पाप, चार कषाय , जुगुप्सा , भय रति, अरति ये 13 दोष है, एंव पांच महावृत , पांच समिति और तीन गुप्ति इस प्रकार चारित्र के 13 भेद यप। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]