जैन आगम में नव पदार्थ
जैन आगम में नव पदार्थ श्रीमते वर्धमानाय, नमो नमितविद्विषे। यज्ज्ञानान्तर्गतं भूत्वा, त्रैलोक्यं गोष्पदायते।।१।। दिगम्बर जैन आगम ग्रंथों में सात तत्त्व एवं नव पदार्थों के नाम प्रमुखता से लिये जाते हैं। इन्हीं सात तत्त्व-नव पदार्थों के ऊपर सम्पूर्ण सृष्टि व्यवस्था और मोक्ष व्यवस्था टिकी हुई है। यूँ तो प्राय: जैन समाज में तत्त्वार्थसूत्र और उससे संबंधित…