जम्बूद्वीपसमास!
जम्बूद्वीपसमास Name of a book written by Acharya Umaswami. आचार्य उमास वामी (ई.श. १-२) कृत संस्कृत गद्य में रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूद्वीपसमास Name of a book written by Acharya Umaswami. आचार्य उमास वामी (ई.श. १-२) कृत संस्कृत गद्य में रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूद्वीपव्रत A type of vow (fasting) to be observed for different 78 days related to the 78 natural temples of Jambudvip. जम्बूद्वीप क्व सुदर्शन मेरू के १६ , गजदन्त के ४ , जम्बू शाल्मलिवृक्ष के २, वक्षार के १६ , विजयार्ध के ३४ , षट्कुलाचल के ६ ऐसे १६+४+२+१६=७८ जिन्मंदिरों के ७८ वृत करना होते…
जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति Name of a book written by Acharya Amitgati, A part of scriptural knowledge (Shrutgyan) containing description about whole Jambudvip. आचार्य अमितगति (ई. ९९३-१०४६) द्वारा रचित ग्रन्थ , परिकर्म दृष्टिवाद श्रुत का एक भेद ; इसमें ३ लाख २५ हज़ार पदों के द्वारा जम्बूद्वीप का सम्पूर्ण वर्णन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूद्दीव संघायणी Name of a book written by Shvetambaracharya Haribhadrasuri. श्र्वेताम्बर आचार्य श्री हरिभद्रसुरि (ई. ४८०-५२८) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूद्दीवपण्णत्ति Name of a book written by Acharya Padmanandi. आचार्य पद्मनंदि नं .४ (ई. ९७७-१०४३) द्वारा रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जंतु Living beings of lower level; insects etc. चतुर्गतिरूप संसार की नाना योनियों में जन्म धारण करने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जंघा चारण ऋद्धि A type of supernatural power of violenceless movement without bending the knees. ऋद्धि; जिसके प्रभाव से घुटनों को मोड़े बिना पृथिवीकायिक जीवों को बाधा न करके गमन किया जा सके ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जंगम-प्रतिमा Body of Digambar Jain saint which is symbolic form of Lord-Arihant. दर्शन ज्ञान करके शुद्ध है आचरण जिन्का ऐसे वीतराग निर्ग्रन्थ साधु की देह उसकी आत्मा से पर होने के कारण जिनमार्ग में जंगम प्रतिमा कही जाती है अथवा ऐसे साधुओं के लिए अपनी और अन्य जीवों की देह जंगम पेरातिमा है , समवशरण…
ज The eighth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का आठवाँ व्यंजन , इसका उच्चारण स्थान तालु है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]