छहढाला (प्रश्नोत्तर सहित)
छहढाला (प्रश्नोत्तर सहित) मंगलाचरण -सोरठा- तीन भुवन में सार, वीतराग विज्ञानता। शिवस्वरूप शिवकार, नमहुँ त्रियोग सम्हारिवैंâ।। अर्थ-त्रिभुवन अर्थात् तीन लोकों में सर्वोत्तम वस्तु है, वीतराग विज्ञानता अर्थात् रागद्वेष रहित केवलज्ञान। यही केवलज्ञान आनन्दस्वरूप है और मोक्ष देने वाला है अत: मैं मन-वचन-काय को संभालकर केवलज्ञान को नमस्कार करता हूँ। विशेषार्थ-अनन्तानन्त आकाश द्रव्य के बहुमध्य भाग…