चतुष्टयी वृत्ति!
चतुष्टयी वृत्ति Four uses of money (acquisition, saving or protection, growth, expenses). अर्थ की ४ वृत्तियाँ -अर्जन ,रक्षण ,वर्धन ,व्यय ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुष्टयी वृत्ति Four uses of money (acquisition, saving or protection, growth, expenses). अर्थ की ४ वृत्तियाँ -अर्जन ,रक्षण ,वर्धन ,व्यय ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुष्टय Infinite perception-knowledge-bliss and potence togetherly called Chatushtay. अनंतदर्शन ,अनंतज्ञान ,अनंतसुख, अनंतवीर्य ये चार अनंतचतुष्टय कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुश्र्चारित्रसिद्ध Those who have got salvation because of four super conducts. भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा ४ चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विधामर Four types of deities. ४ निकाय के देव -भवनवासी ,व्यंतर ,ज्योतिष्क ,वैमानिक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विध संघ Group of Muni (saint), Aryika (female Jain ascetic) & Devotees (male, female). मुनि,आर्यिका , श्रावक , श्राविका इन चारों के समुदाय को चतुर्विध संघ कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विध बंध Four types of Karmic bondage. ४ प्रकार का कर्मबंध ; प्रकृति , प्रदेश , अनुभाग , स्थिति बंध ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विध उदय Four kinds of fruition. प्रकृति, स्थिति , अनुभाग , प्रदेश रूप उदय ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विंशतिस्तव Eulogy of 24 Tirthankars (Jaina-Lords). अंगबाह्य श्रुत के १४ प्रकीर्णकों में एक प्रकीर्णक , तीर्थंकरों के गुणों का कीर्तन करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विंशतिसंधान काव्य A book written by Pandit Jagannath. ई. सन् १६४२ में पं . जगत्राथ द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विंशति मंडल यन्त्र A metal-plate engraved with some auspicious and mystic words. एक मंत्र लिखित धातु की प्लेट ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]