चतुराश्रम!
चतुराश्रम The four stages of life. ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वांप्रष्ठ व सन्यास आश्रम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुराश्रम The four stages of life. ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वांप्रष्ठ व सन्यास आश्रम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुरावश्यक Four super necessities of the 7th stage of spiritual development. अनंतगुणी विशुद्धि , अप्रशास्ता प्रकृतियों की अनंतगुणी हानि, प्रशस्त प्रकृतियों में अनंतगुणी वृद्धि , स्थिति बंधापसरन ये ४ आवश्यक कार्य अधःप्रवृत्तकरण संयत अर्थात् सप्तम गुणस्थानवर्ती मुनि के होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुरंग Bowing down with bending both hands and knees, Four parts of an army. नमस्कार का एक प्रकार अर्थात् सोनोन हाथ व दोनों घुटने नमाना , सेना के और अंग; अश्र्व , हज , रथ और पैदल सैनिक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुरंक Infinite increase. असंख्यातभाग वृद्धि की चतुरंक संज्ञा है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुःस्थानीय The actual fruition of the Karmic matters having strong or mild attributes. अनुभाग बंध ; प्रशस्त कर्म प्रकृतियों का गुड़ , खाण्ड , शक्रा और अमृत रूप एवं अप्रशास्ता कर्म प्रकृतियों का लाता , दारू , अस्थि , शैलरूप अनुभाग बंध चतुःस्थानीय कहलाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्षुष्मान Name of the 8th Kulkar (ethical founder), Name of the protecting peripatetic deity of south Manushottar mountain and Pushkarardh island. आठवें कुल का नाम , मानुषोत्तर पर्वत एवं पुष्करार्द्ध द्वीप का रक्षक देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्षुदर्शनावरण Obscurring Karma of visionary conation. दर्शानावरण कर्म के ९ भेदों में से एक भेद; जो कतमा चक्षु के द्वारा वस्तु का सामान्य ग्रहण नन होने दे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्षुदर्शन Visionary conation, ocular perception. चक्षु इन्द्रिय के द्वारा पदार्थ का ज्ञान होने से पूर्व जियो सामान्य प्रतिभास होता है वह चक्षुदर्शन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]