गुणप्रत्यासत्ति!
गुणप्रत्यासत्ति Mutual acceptance with virtues. संयोगसम्बन्ध ; गुणों द्वारा परस्पर का एक दुसरे को ग्रहण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणप्रत्यासत्ति Mutual acceptance with virtues. संयोगसम्बन्ध ; गुणों द्वारा परस्पर का एक दुसरे को ग्रहण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणपरावर्तन Transmission from one Gunsthan (spiritual stage) to another. एक विवक्षित गुणस्थान से अविवाक्षित गुणस्थान रूप परावर्तन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणपर्याय Categories (Paryay) known due to having variations in virtues. जिन पर्यायों में गुणों के द्वारा अन्वयरूप एकत्व का ज्ञान होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणनिमित्तक ज्ञान Clairvoyance originated due to the subsidence & destruction of Karmas. गुणप्रत्यय अवधिज्ञान;जो अवधिज्ञान क्षयोपशाम , व्रत ,नियम आदि के कारण होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणनिमित्तक नाम The names like krishna, Mahavira etc. which are pronounced to express virtues. ऐसे नाम जो गुणों के निमित्त से व्यव हार में आते हैं, जैसे कृष्ण, महावीर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणनंदि A disciple of Acharya Jainandi. आचार्य जयनंदि के शिष्य तथा वज्रनंदि के गुरु (ई.४३६-४२)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणधरकीर्ति A disciple of Acharya Kuvalaychandra. आचार्य कुवलचंद्र के शिष्य(ई. सन् ११३२)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणधर Name of an Acharya. एक आचार्य , लोहाचार्य के शिष्य (ई.श. १ पूर्वपाद), जिन्होंने कषायपाहुड ग्रन्थ की रचना की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]] ==आचार्य श्रीगुणधरदेव का विशेष परिचय == left”200px”]] श्रुतधर आचार्यों की परम्परा में सर्वप्रथम आचार्य कौन हैं ? ऐसा प्रश्न होने पर इतिहासकारों ने बड़े आदर से महान आचार्यश्री गुणधर देव का नाम लिया है।…
गुणदोष Virtues and vices. सविचार भक्तप्रत्याख्यान विधि के ४० अधिकारों में २४वां अधिकार; आलोचना के गुण दोषों का वर्णन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]