संक्लेश का फल
संक्लेश का फल सुप्रभा– बहन कनकप्रभा ! आज स्वाध्याय करते हुए मैंने बहुत ही ह्रदयद्रावक एक कथा पढ़ी है,सो मैं तुम्हेँ सुनाती हूँ कनकप्रभा– हाँ बहन ! जरुर सुनाओं ! एतिहासिक घटनाओं को सुनने से ह्रदय पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ना है और मन सहसा पाप से भीरु हो उठता है सुप्रभा – जिस…