तप का प्रभाव सुमन-सुधा जीजी! भादों का महीना आ गया है, पुराने विचार वाली महिलाओं ने व्रत-उपवास आदि कर करके अपना शरीर सुखाना शुरू कर दिया है। मैं तो उनकी खूब ही खिल्ली उड़ाती रहती हूँ। भला, व्रत-उपवास से कहीं मोक्ष मिलता है? फिर बाह्य तप तो सर्वथा निरर्थक ही है! सुधा-सुमन! ऐसा नहीं कहना,…
उदर कृमि (पेट के कीड़े) लक्षण — पेट में दर्द, दाँत किटकिटान, कब्ज रहना, दस्त हो जाना, जी मचलना, पेट में तनाव इत्यादि लक्षण होते हैं। उपचार: १. शिशुओं के पेट के कीड़ों के लिए माँ के दूध में एक—डेढ़ ग्राम कबीला मिलाकर शिशु को सेवन करायें। २. बाय बिडिंग, सेंधा नमक, त्रिफला और खाने…
पुराने विचार के तरीकों को बदलना किसी दशा को स्थायी रूप से हटाने के लिए, हमें सबसे पहले उसके मानसिक कारण को खत्म करना होगा पर अक्सर हम चूँकि यही नहीं जानते कि कारण क्या है, तो उसका निवारण कैसे होगा और हम कहाँ से शुरू करें? तो फिर यदि आप यह कह रहे हैं,…
कुछ आवश्यक जानकारियाँ /> left”30px”]] /> right”30px”]] रेशम के वस्त्र न पहिनें । चमड़े की वस्तुओं का उपयोग न करें। हाथी—दांत से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। लाख से निर्मित चीजों का उपयोग न करें। बरक—लगी मिठाईयाँ, पान, गोलियाँ इत्यादि न खायें। देवालयों में बरक का उपयोग न करें। नहाने—धोने में उन साबुनों…
तत्त्व और पदार्थ हैं जीव अजीव इन्हीं दो के, सब भेद विशेष कहे जाते। वे आस्रव बंध तथा संवर, निर्जरा मोक्ष हैं कहलाते।। ये सात तत्त्व हो जाते हैं, इनमें जब मिलते पुण्य-पाप। तब नव पदार्थ होते इनको, संक्षेप विधी से कहूँ आज।।२८।। जीव और अजीव का वर्णन किया गया है। इन दो के ही…
राम -सीता द्वारा आहार दान आकाश मार्ग से आते हुए सुगुप्ति और गुप्ति नामक दो मुनिराजों का पड़गाहन करके श्रीरामचन्द्र सीता के साथ भक्तिपूर्वक आहार दान दे रहे हैं, सामने वृक्ष पर बैठा एक गिद्ध पक्षी एकटक देख रहा है। उस आहारदान के समय देवतागण आकाश से रत्नवृष्टि करने लगे, दुंदुभि बाजे बजने लगे। इधर…
आचार्य श्री पुष्पदन्त और भूतबलि परिचय पुष्पदन्त और भूतबलि का नाम साथ-साथ प्राप्त होता है फिर भी नंदिसंघ की प्राकृत पट्टावली में पुष्पदंत को भूतबलि से ज्येष्ठ माना गया है। धरसेनाचार्य के बाद पुष्पदंत का आचार्य काल ३० वर्ष का बताया है और इनके बाद भूतबलि का २० वर्ष कहा गया है अत: इनका समय…