जयपुर में चातुर्मास, सन् १९५४
जयपुर में चातुर्मास, सन् १९५४ समाहित विषयवस्तु १.टिकेटनगर से महावीर जी। २. महावीर जी का वर्णन। ३. महावीर जी से जयपुर। ४. विलक्षण प्रतिभा की धनी क्षुल्लिका वीरमती। ५. व्युत्पन्नमति क्षुल्लिका वीरमती। ६. व्याकरण का अध्ययन-लोहे के चनों को सत्तू बनाना। काव्य पद बाराबंकी लखनऊ होकर, महावीर जी पहुँचा संघ। वीरप्रभू के शुभ दर्शन का,…