तीर्थंकर पंचकल्याणक भूमि की आरती(B)
तीर्थंकर पंचकल्याणक भूमि की आरती(B) तर्ज—माई रे माई………….. चौबिस जिन की पंचकल्याणक तीर्थ भूमियाँ प्यारी। उन तीर्थों की मंगल आरति, आतम हित सुखकारी।। बोलो जय, जय, जय, प्रभू की जय….।।टेक.।। जिन आगम में माने केवल, दो ही शाश्वत तीरथ, तीर्थ अयोध्या जन्मभूमि, सम्मेदशिखर मुक्तीथल। कालदोषवश हुईं कल्याणक…….. कालदोषवश हुईं कल्याणक भूमी तेईस न्यारी।।उन….।।१।। सोलह तीर्थ…