पण्डित मरण
पण्डित मरण पण्डित मरण के तीन भेद होते हैं-पादोपगमन, भक्त प्रतिज्ञा और इंगिनीमरण। पादोपगमन – अपने पावों द्वारा संघ से निकलकर और योग्य प्रदेश में जाकर जो मरण किया जाता है, वह पादोपगमन मरण है। इसमें मुनिराज अपने शरीर की वैयावृत्य स्वयं भी नहीं करते हैं और इतर मुनियों द्वारा भी नहीं कराते हैं। विशिष्ट…