जंबूद्वीप पूजा!
जंबूद्वीप पूजा दोहा स्वयंसिद्ध यह द्वीप है, जंबूद्वीप महान। सब द्वीपों में है प्रथम, अनुपम रत्न निधान।।१।। इसमें शाश्वत जिन भवन, अट्ठत्तर अभिराम। तीर्थंकर जिन केवली, साधु शील गुण खान।।२।। इन सब की पूजा करूँ, आत्मशुद्धि के हेतु। जिन पूजा चिंतामणी, मन चिंतित फल देत।।३।। ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधिकृत्रिमाकृत्रिमजिनालय-जिनबिम्ब-तीर्थंकर-केवलिसर्वसाधु समूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ…