20. पूर्व पुष्करार्धद्वीप भरतक्षेत्र वर्तमान तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. २०) पूर्व पुष्करार्धद्वीप भरतक्षेत्र वर्तमान तीर्थंकर स्तोत्र गीता छंद वर पूर्व पुष्कर द्वीप में, जो भरत क्षेत्र महान् है। उसमें चतुर्थकाल में हों, तीर्थकर भगवान हैं।। उन वर्तमान जिनेश्वरों की, मैं करूँ नित वंदना। रुचि से अतुल बहु भक्ति से, चाहूँ सदा हित आपना।।१।। सखी छंद श्री ‘जगन्नाथ’ तीर्थंकर, सुरगणनुत भव्य हितंकर। मैं…