भगवान श्री अनंतनाथ की आरती-१४
भगवान श्री अनंतनाथ की आरती तर्ज—करती हूँ तुम्हारी पूजा…… करते हैं प्रभू की आरति, आतमज्योति जलेगी। प्रभुवर अनंत की भक्ती, सदा सौख्य भरेगी।। हे त्रिभुवन स्वामी, हे अन्तर्यामी।।टेक.।। हे सिंहसेन के राजदुलारे, जयश्यामा प्यारे। साकेतपुरी के नाथ, अनंत गुणाकर तुम न्यारे।। तेरी भक्ती से हर प्राणी में शक्ति जगेगी, प्रभुवर अनंत की भक्ती, सदा सौख्य…