बलऋद्धि के ३ भेद
बलऋद्धि के ३ भेद मन, वचन, काय के भेद से यह ऋद्धि तीन प्रकार की है। १. मनबल ऋद्धि – इस ऋद्धि के बल से मुनि अन्तर्मुहूर्त मात्र काल में सम्पूर्ण श्रुत का चिंतवन कर लेते हैं। २. वचनबल – इस ऋद्धि के प्रगट होने से मुनि श्रमरहित और अहीनकंठ होते हुए मुहूर्त मात्र के…