32. अंतिम उद्गार
अंतिम उद्गार (२९०)श्री रामचंद्र जी का जीवन, वैसे तो बड़ा प्रभावी है।लेकिन सीता की त्यागमयी, जीवन गाथा ही काफी है।।वैसे तो इस रामायण पर, सीता का नाम लिखा जाता।तब इतना दुख सहने वाली,सीता पर न्याय किया जाता।। (२९१)हर युग में पुरुष प्रधान रहा, इतिहास उठाकर यदि देखें।वरना क्या हक था रामचंद्र को, अग्नि परीक्षायें लेते…