हे माँ श्री ज्ञानमती मेरा शत शत नमन
हे माँ श्री ज्ञानमती मेरा शत शत नमन तर्ज— होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो………. तुम्हें तुम हो विभूति जग की जग का है नमन तुम्हें हे माँ श्री ज्ञानमती……… बनवाया अति सुन्दर जम्बूद्वीप प्यारा लगता जैसे हस्तिनापुर में स्वर्ग उतर आया ऊँचा ये सुमेरु गिरि लगता जैसे गगन छुए हे…