समिति!
समिति – सम्यक् अयन अर्थात् प्रवृत्ति को समिति कहते हैं । समिति के पाँच भेद होते हैं । १. ईर्या समिति २. भाषा समिति ३. एषणा समिति ४. आदाननिक्षेपण समिति ५. उत्सर्पिणी समिति ।
समिति – सम्यक् अयन अर्थात् प्रवृत्ति को समिति कहते हैं । समिति के पाँच भेद होते हैं । १. ईर्या समिति २. भाषा समिति ३. एषणा समिति ४. आदाननिक्षेपण समिति ५. उत्सर्पिणी समिति ।
भूमिकल्प – Bhumikalpa. A book written by Acharya Indranandi. आचार्य इन्द्र्नन्दी (ई. श.१०) कृत एक तान्त्रिक ग्रंथ “
श्री पुण्यमती माताजी का परिचय नाम – ब्र. उमा जैन जन्म – सन् १९४० जन्मस्थान – दिल्ली शिक्षा – हायर सेकेन्ड्री विवाह (सन्) – १९५६ पति – श्री सुरेशचंद जैन ‘गोटे वाले’ (स्वर्गवास-२२ जनवरी १९९६) पारिवारिक विवरण प्रथम पुत्र – श्री अशोक कुमार जैन ‘गोटे वाले’ पुत्रवधू श्रीमती सुमन जैन, पौत्र-पौत्री-अंकित, स्पर्श, ज्योति, तनिष्का द्वितीय…
माता मोहिनी एवं मैना का संवाद तर्ज-बार-बार तोहे क्या समझाऊँ……. माता मोहिनी – बार-बार समझाऊँ बेटी, मान ले मेरी बात। तेरे जैसी सुकुमारी की, दीक्षा का युग है न आज।।टेक.।। मैना – भोली भाली माता मेरी, सुन तो मेरी बात। हम और तुम मिलकर ही, युग को बदल सकते आज।।टेक.।। माता – तूने तो बेटी…
भजन ( मैना से ज्ञानमती ) इक रात को इक माता पुत्री का आपस में संवाद चला। तुम राग विराग कथाएं सुनकर बोलो किसका स्वाद भला।।टेक.।। मां ‘मोहिनी’ थी बेटी ‘मैना’ दोनों ममता की मूरत थीं। ममकार नहीं था दोनों में केवल मकार की सूरत थीं।। ‘मैना’ संज्ञा सार्थक करने हेतू मैना का स्वर बदला।।तुम.।।१।।…