प्राकृत श्रुतभक्ति (शंभु छंद-पद्यानुवाद)
प्राकृत श्रुतभक्ति (शंभु छंद-पद्यानुवाद) पद्यानुवादकर्त्री - गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी जिनका वर शासन जग प्रसिद्ध, जो कर्मचक्र से रहित सिद्ध।। उनको कर नमस्कार भक्त्या, द्वादश अंगों को नमूं नित्य।।१।। आचार सूत्रकृत स्थान अंग, समवाय व व्याख्याप्रज्ञप्ती। है ज्ञातृधर्मकथनांग छठा, औ उपासकाध्ययनांग कृती।।२।। अंतःकृत्दश औ अनुत्तरोपपाददशक हैं अंगज्ञान। है प्रश्न व्याकरण विपाकसूत्र, इन ग्यारह अंगों को...