प्रशस्ति
प्रशस्ति….. श्री वीरप्रभू निर्वाण वर्ष, पच्चिस सौ तेंतिस सुखकारी। आश्विन शुक्ला१ दशमी की तिथि है, जग में अति मंगलकारी।। उस दिन विधान यह पूर्ण किया, निजगुरु की छत्रच्छाया में। शुभ तीर्थ हस्तिनापुर में जम्बूद्वीप की शीतल छाया में।।१।। बीसवीं सदी के प्रथम सूरि, आचार्य शांतिसागर जी थे। उन प्रथम शिष्य अरु पट्टसूरि, आचार्य वीरसागर जी…