जिनगुण संपत्ति पूजा
जिनगुण संपत्ति पूजा -स्थापना-गीता छंद- जैनेन्द्र गुण की संपदा के, नाम त्रेसठ मुख्य हैं। सोलह सुकारण भावना, वर प्रातिहार्य जु अष्ट हैं।। चौंतीस अतिशय पंचकल्याणक सुत्रेसठ जानिये। श्री जिनगुणों की थापना कर, पूजते सुख मानिए।।१।। ॐ ह्रीं जिनगुणसंपत्तिसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं जिनगुणसंपत्तिसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ ह्रीं जिनगुणसंपत्तिसमूह!…