देवों के आने के स्थान
देवों के आने के स्थान ईशान कल्प तक के देवों का जन्म एकेन्द्रिय जीवों तक में हो सकता है। सहस्रार कल्प तक के देवों का मरकर मध्य लोक में जन्म संज्ञी तिर्यंच या मनुष्य में होता है। आनत आदि से ऊपर के देव कर्म भूमि मनुष्यों में ही उत्पन्न होते हैं अन्यत्र नहीं। ये देव…