भरत ऐरावत के म्लेच्छ खंडों की व्यवस्था
भरत ऐरावत के म्लेच्छ खंडों की व्यवस्था पाँच म्लेच्छ खंड और विद्याधर श्रेणियों में अवसर्पिणी एवं उत्सर्पिणी में क्रम से चतुर्थ और तृतीय काल के प्रारंभ से अंत तक हानि व वृद्धि होती रहती है अर्थात् इन स्थानों में अवसर्पिणी में चतुर्थ काल के प्रारंभ से अंत तक हानि और उत्सर्पिणी काल में तृतीय काल…