04. शीलव्रतेष्वनतिचार भावना पूजा
(पूजा नं.-4) शीलव्रतेष्वनतिचार भावना पूजा -स्थापना-गीता छंद – सोलह सुकारण भावना में, है तृतिय जो भावना। शील अरु व्रत में नहीं, अतिचार हों यह कामना।। इस भावना की अर्चना में मैं करूँ आह्वानना। मन में बिठाऊँ भावना कर पुष्प से स्थापना।।१।। ॐ ह्रीं शीलव्रतेष्वनतिचार भावना! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …