12. द्वितीय पीठ पूजा
(पूजा नं.12) द्वितीय पीठ पूजा -अथ स्थापना- -अडिल्ल छंद- समवसरण में पीठ दूसरा स्वर्ण का। आठ दिशा में आठ ध्वजायें वर्णिता।। नव निधि मंगल द्रव्य धूप घट शोभते। पूजूं भक्ति बढ़ाय, सर्वमन मोहते।।१।। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितद्वितीयपीठोपरिअष्ट- अष्टमहाध्वजासमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितद्वितीयपीठोपरिअष्ट- अष्टमहाध्वजासमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ…