04.4 अथ तृतीयवलय पूजा
अथ तृतीयवलय पूजा अथ मंडलस्योपरि तृतीयवलये (दले) पुष्पांजलिं क्षिपेत् तर्ज—करो कल्याण आतम का, भरोसा है नहीं पल का ….. नमन है सर्व गणधर को, जिन्होेंने कर्म अरि नाशे। नमन उन ऋद्धियों को भी, जिन्हों से आत्मगुण भासे।।टेक।। पराक्रम घोर है जिनका, त्रिजग संहार में क्षम हैं। जलाfध शोषण धरा निगलन, प्रभृति सब कार्य कर पाते।।…