02.1 पंच अणुव्रत
पंच अणुव्रत १.१ हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील और परिग्रह इन पाँच पापों से निवृत्त होने हेतु जो संकल्प (नियम) लिया जाता है, वह व्रत है। यह दो प्रकार का होता है (१) श्रावकों के लिए अणुव्रत (या एकदेश व्रत) और साधुओं के लिए महाव्रत (या सर्वदेश व्रत)। जो व्रतों से युक्त है, वह व्रती कहलाता…