05. आर्यिका पूजा
पूजा नं.-4 आर्यिका पूजा —अथ स्थापना-गीता छंद— श्री ऋषभप्रभु के समवसृति में आर्यिकायें मान्य हैं। गणिनी प्रथम श्रीमात ब्राह्मी सर्व में हि प्रधान हैं।। व्रतशील गुण से मंडिता इंद्रादि से पूज्या इन्हें। आह्वान करके पूजहूँ त्रयरत्न से युक्ता तुम्हें।।१।। ॐ ह्रीं श्रीऋषभदेवस्य गणिनीब्राह्मीप्रमुखसर्वार्यिकासमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीऋषभदेवस्य गणिनीब्राह्मीप्रमुखसर्वार्यिकासमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ…