औपशमिक भाव (Aupshamik Bhav)
औपशमिक भाव (Aupshamik Bhav) सर्वार्थसिद्धि ग्रन्थ में औपशमिक भाव का लक्षण इस प्रकार कहा है – ‘‘उपशम: प्रयोजनमस्येत्यौपशमिक: ’ जिस भाव का प्रयोजन अर्थात् कारण उपशम है वह औपशमिक भाव है । धवला ग्रन्थ में आया है कि जो कर्मों के उपशम से उत्पन्न होता है उसे औपशमिक भाव कहते है क्योंकि गुणो के साहचर्य…