04. अथ गणधरवलय पूजा
अथ गणधरवलय पूजा अथ स्थापना —चौबोल छंद— तर्ज—आवो बच्चों तुम्हें दिखायें……. आवो हम सब करें अर्चना, गणधर देव प्रधान की। जिनवर दिव्यध्वनी को झेलें, द्वादशांग श्रुतवान की।।वंदे गणधरम्-४ अड़तालिस ऋद्धी को धारें, द्वादशगण के ईश्वर हैं। यंत्ररूप हैं मंत्ररूप हैं, तंत्ररूप भी परिणत हैं।। ऐसे गुरु को वंदन करते, मिले राह कल्याण की।।आवो.।। श्री गणधर…