औदयिक भाव (Audayik Bhav)
औदयिक भाव (Audayik Bhav) जिस भाव का प्रयोजन अर्थात् कारण उपशम है वह औपशमिक भाव है । इसी प्रकार औदयिक भाव की भी व्युत्पत्ति करनी चाहिए अर्थात् उदय ही है प्रयोजन जिसका वह औदयिक भाव है । औदयिक भाव के इक्कीस भेद है – चार गति, चार कषाय, तीन लिंग , एक मिथ्यादर्शन, एक अज्ञान,…