अनन्त चौदश व्रत विधि
अनन्त चौदश व्रत विधि अनन्तव्रते तु एकादश्यामुपवास: द्वादश्यामेकभत्तंत्रयोदश्यां काञ्जिकं चतुर्दश्यामुपवासस्तदभावेयथा शक्तिस्तथा कार्यम्। दिनहानिवृद्धौ स एव क्रम: स्मरत्वयः। अर्थ-अनन्त व्रत में भाद्रपद शुक्ला एकादशी कोउपवास, द्वादशी को एकाशन, त्रयोदशी को कांजी-छाछअथवा छाछ में जौ, बाजरा के आटे को मिलाकर महेरी-एकप्रकार की कढ़ी बनाकर लेना और चतुर्दशी को उपवासकरना चाहिए। यदि इस विधि के अनुसार व्रत पालन…