03. तपकल्याणक पूजा
पूजा नं.-3 तपकल्याणक पूजा -स्थापना-नरेन्द्र छंद- त्रिभुवन वंदित तीर्थंकर को, जब वैराग्य उदित हो। लौकांतिक सुर आकर पूजें, मन में बहु प्रमुदित हो।। उनके तप कल्याणक को मैं, भक्ति भाव से वंदूँ। आह्वानन कर पूजन करके, कर्म शत्रु को खंडूंं।।१।। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरतप:कल्याणकसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आहृवाननं। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरतप:कल्याणकसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ:…