क्षुल्लक श्री औचित्यसागर जी
क्षुल्लक श्री १०५ औचित्यसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री निर्मल चंद जी जैन पिता का नाम : स्व. श्री प्रेमचंद जी जैन माता का नाम : श्रीमती इमारतीबाई जी…
क्षुल्लक श्री १०५ औचित्यसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री निर्मल चंद जी जैन पिता का नाम : स्व. श्री प्रेमचंद जी जैन माता का नाम : श्रीमती इमारतीबाई जी…
क्षुल्लक श्री १०५ भाग्यसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री स्वदेशी सुन्दरलाल कुमार जी जैन पिता का नाम : स्वदेशी श्री भैयालाल जी जैन माता का नाम : …
क्षुल्लक श्री १०५ आरोग्यसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री स्वदेशी सुरेश कुमार जी जैन पिता का नाम : स्वदेशी श्री भैयालाल जी जैन माता का…
क्षुल्लक श्री १०५ शुक्लसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री वीरेन्द्र कुमार जी नायक पिता का नाम : श्री बी.एल. नायक माता का नाम : …
क्षुल्लक श्री १०५ श्वेतसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री प्रकाश चंद जी जैन पिता का नाम : श्री मानिक चंद जैन माता का नाम : …
क्षुल्लक श्री १०५ विनयसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री प्रेमचंद जी जैन पिता का नाम : स्व. श्री हरदास जैन माता का नाम : …
क्षुल्लक श्री १०५ विरतसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री अशोक कुमार जी जैन पिता का नाम : स्व. श्री हुकुमचंद जैन माता का नाम : …
क्षुल्लक श्री ०१५ अपारसागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री महेन्द्र कुमार जी जैन पिता का नाम : स्व. श्री कोमलचंद जैन माता का नाम : …
जैनधर्म और आयुर्वेद आयुर्वेद हमारे देश की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है जिसे जीवन विज्ञान के रूप में स्वीकार किया गया है। हमारे दैनिक जीवन यापन की प्रत्येक क्रिया आयुर्वेद के स्वास्थ्य सम्बन्धी सिद्धान्तों पर आधारित है। यही कारण है कि उन सिद्धान्तों से विचलित होने पर उसका तत्काल प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल रूप से…
विन्ध्यगिरि पर खड़े गोम्मटेश बाहुबली डग भरने को हैं âर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलूर से लगभग १८५ किलोमीटर दूर श्रवणबेलगोल नगर की विन्ध्यगिरि पहाड़ी पर भगवान् गोम्मटेश बाहुबली की र्मूित पिछले १०२५ वर्षों से कायोत्सर्ग मुद्रा में खड़ी है। अपनी उतंगता, भव्यता और सौम्यता में यह अनुपम और अद्वितीय है। हिमालय के पर्वत—शिखर एवरेस्ट जैसी…