03. सकलीकरणविधि
सकलीकरणविधि अर्हंतो मंगलं कुर्यु: सिद्धा: कुर्युश्च मंगलम्। आचार्या: पाठकाश्चापि साधवो मम मंगलम्।।१।। झं वं ह्व: प: ह: लिखे, गुरुमुद्रा के अग्र। झरते अमृत से करे, मंत्रस्नान पवित्र।।२।। (पिंचगुरुमुद्रा बनाकर उनके अग्रभागों पर झं वं ह्व: प: ह: ये पाँच मंत्र क्रम से लिखें। उस मुद्रा को मस्तक पर रखकर यह चिंतवन करें कि इन अक्षरों…