मोक्ष का स्वरुप
षट्दर्शन चार्वाक दर्शन- सुख–दु:ख के कारण धर्म, अधर्म, उत्कृष्ट धर्म, अधर्म के फल भोगने के स्थान स्वर्ग, नरक, पुण्य और पाप दोनों के नाश से होने वाला मोक्ष सुख इत्यादि अतीन्द्रिय पदार्थों की कल्पना उसी तरह हास्यास्पद और उपदेशणीय है, जिस तरह आकाश में अनेक रंगों से विचित्र चित्र बनाने की भावना हास्यास्पद है। साध्यवृत्तिनिवृत्तिभ्यां…