प्राणवाय पूर्व का उद्भव, विकास एवं परम्परा
प्राणवाय पूर्व का उद्भव, विकास एवं परम्परा सारांश प्राणावाय पूर्व में विवेचित विषय को ही वर्तमान में आयुर्वेद संज्ञा दी गई है। प्रस्तुत आलेख में इस ज्ञान के मूल स्रोत, जैनचार्यों द्वारा इस ज्ञान के आधार पर रचित प्रमाणिक ग्रन्थों का विस्तार पूर्वक विवेचन किया गया है। जैनागम में द्वादशांग के अन्तर्गत बारहवें दुष्टिवादांग…