06. श्री भक्तामर जी का भजन
श्री भक्तामर जी का भजन -पं. हीरालाल कौशल श्री भक्तामर का पाठ, करो नित प्रात, भक्ति मन लाई। सब संकट जायें नशाई।। जो ज्ञान-मान-मतवारे थे, मुनि मानतुंग से हारे थे। उन चतुराई से नृपति लिया, बहकाई।।सब संकट.।।१।। मुनि जी को नृपति बुलाया था, सैनिक जा हुक्म सुनाया था। मुनि वीतराग को आज्ञा नहीं सुहाई।।सब संकट.।।२।।…