राजगृही तीर्थ पूजा
राजगृही तीर्थ पूजा तर्ज-फूलों सा…….. मुनिसुव्रत जन्मस्थली, राजगृही धाम है। बीसवें जिनेन्द्र हैं, इन्द्रगण से वंद्य हैं, त्रैलोक्य में मान्य हैं।।टेक.।। जिस भूमि को ग्यारह लाख वर्षों, पहले ही यह सौभाग्य मिला। सोमावती माता के महल में, पूरब दिशा का सूरज खिला।। सूर्य चमकता है, तीर्थ महकता है, राजगृही के शुभ…