ईषत्प्रागभार
ईषत्प्रागभार पृथ्वी आठ मानी गयी है सात नरक सम्बन्धी सात रत्नप्रभा आदि प्रथ्वीयां और आठवीं ईषत्प्रागभार नाम की सिद्ध पृथ्वी | सिद्धभूमि ईषत्प्रागभार पृथ्वी के ऊपर स्थित है | एक योजन में कुछ कम है ऐसे निष्कम्प व स्थित स्थान को सिद्ध प्राप्त कर तिष्ठते है | सर्वार्थसिद्धि इन्द्रक के धवजदण्ड से १२ योजन मात्र…