व्यवहार-निश्चय मोक्षमार्ग
तृतीय अधिकार व्यवहार-निश्चय मोक्षमार्ग सम्यग्दर्शन औ ज्ञान चरित, ये मुक्ती के कारण जानो। व्यवहारनयापेक्षा कहना, तीनों के लक्षण पहचानो।। इन रत्नत्रयमय निज आत्मा, निश्चयनय से शिव का कारण। इन उभय नयों के समझे बिन, नहिं होता शिवपथ का साधन।।३९।। सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र ये व्यवहारनय से मोक्ष के कारण हैं और निश्चयनय से इन रत्नत्रय…