अरहनाथ पूजा
भगवान श्री अरहनाथ जिनपूजा दोहा तीर्थंकर अरनाथ! तुम, चक्ररत्न के ईश। ध्यान चक्र से मृत्यु को, मारा त्रिभुवन ईश।।१।। आह्वानन विधि से यहाँ, मैं पूजूँ धर प्रीत। रोग शोक दु:ख नाशकर, लहूँ स्वात्म नवनीत।।२।। ॐ ह्रीं श्रीअरनाथजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवोषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीअरनाथजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं।…