15. पश्चिमधातकी खंड पर्वत जिनालय पूजा
पूजा नं.-14 पश्चिमधातकी खंड पर्वत जिनालय पूजा अथ स्थापना-नरेन्द्र छंद अपर धातकी खंड द्वीप में, षट् कुल पर्वत सोहें। विदिशा में गजदंत चार हैं, सुर नर का मन मोहें।। सोलह गिरि वक्षार सुहाने, चौंतिस रजताचल हैं। इनके साठ जिनालय पूजूँ, पद मिलता अविचल है।। ॐ ह्रीं पश्चिमधातकीखंडद्वीपसंबंधिकुलाचलगजदंतवक्षारविजयार्धपर्वतस्थित- जिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं…