24. मानुषोत्तर जिनालय पूजा
पूजा नं.-23 मानुषोत्तर जिनालय पूजा अथ स्थापना-गीता छंद वरद्वीप सोलह लाख योजन, नाम पुष्कर जानिये। इस मध्य चूड़ी के सदृश, नग मानुषोत्तर मानिये।। इस पर चतुर्दिश चार अनुपम, शाश्वते जिनगेह हैं। उनके जिनेश्वर बिंब पूजूँ, धार मन अति नेह हैं।।१ ॐ ह्रीं मानुषोत्तरपर्वतस्थितचतुर्दिक्चतु:सिद्धकूटजिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं मानुषोत्तरपर्वतस्थितचतुर्दिक्चतु:सिद्धकूटजिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ:…