05. भवनवासी जिनालय पूजा
पूजा नं.-4 भवनवासी जिनालय पूजा -अथ स्थापना-अडिल्ल छंद- भवनवासि देवों के गृह में जानिये। सात करोड़ बहत्तर लाख प्रमाणिये।। ये शाश्वत जिनभवन बने हैं मणिमयी। आह्वानन कर पूजूँ पाऊँ शिवमही।।१।। ॐ ह्रीं भवनवासिभवनस्थितसप्तकोटिद्वासप्ततिलक्षजिनालयजिनबिम्ब-समूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं भवनवासिभवनस्थितसप्तकोटिद्वासप्ततिलक्षजिनालयजिनबिम्ब-समूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं। ॐ ह्रीं भवनवासिभवनस्थितसप्तकोटिद्वासप्ततिलक्षजिनालयजिनबिम्ब-समूह! अत्र मम सन्निहितो भव भव…