मेरे घर जिनवर आए हैं!
मेरे घर जिनवर आए हैं तर्ज—चाँद मेरे आ जा रे……….. मेरे घर जिनवर आए हैं-२ तीर्थंकर श्री शांतिनाथ मुनि बनकर आए हैं।।मेरे.।।टेक.।। छह खण्ड धरा को जीता तो चक्रवर्ति कहलाए। वैराग्य हुआ तो सब कुछ तज महामुनी कहलाए।। मेरे घर जिनवर आए हैं। सिद्धं नम: कह दीक्षा ग्रहण कर योगी कहाए…